शायद, तुम्हें पता नहीं के आरजू किसे कहते हैं... कभी उसके मुहल्ले से होकर तो आओ, तुम्हारे जैसे दो चार तो वहाँ यूँ ही गिरते सम्हलते हैं॥ ©sankalp jao.. gyan le ao thoda #शायरी #S_A