चुनावों के साँचे में ढ़ल रहा है मेरा देश जल रहा है हिन्दू बंट रहे हैं मुस्लिम छंट रहे हैं कहीं खट रहें हैं कहीं कट रहे हैं सियासत का कारोबार चल रहा है मेरा देश जल रहा है विरासत नोंच कर इतिहास खोंच कर निशां पोछ कर समझ सोच कर विकास पल रहा है मेरा देश जल रहा है चुनावों के साँचे में ढ़ल रहा है मेरा देश जल रहा है @ अब दिल्ली दूर नहीं