बताए बहुत कुछ तो वो शब्द नहीं मिलता करे बैठ के बाते तो वो वक्त नहीं मिलता कुछ करना है जिंदगी मे तो तपना पड़ेगा कीचड़ के बिना तो कमल भी नहीं मिलता किसी की सादगी की क्या खूब किमत लगायी है जमाने ने साफ पानी तो अब बोतल में भी नहीं मिलता लोहा तक जोड़ने वाला होगा उस्ताद अपने काम मे टूटे रिश्तो को जोड़ने का हुनर उसमे भी नहीं मिलता रिश्तो का बबूल ही बोया बबूल ही पाया बबूल ही काटा उसमे कमल जेसी सुगंध गुलमोहर जेसा सौन्दर्य नहीं मिलता #सादगी