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स्थिर रहिए..... स्थिर रहिए जीवन में, संयम की ये प

स्थिर रहिए.....

स्थिर रहिए जीवन में, संयम की ये परिभाषा है
ना चुभन हो कांटो की ना पुष्पों की अभिलाषा है
टूटे जब ये कुसुम जीवन का, दिल ना मेरा आहत हो
चुभ जाए जो शूल कोई तो, होंठो पर बस मुस्कुराहट हो
पत्तों से लूं मै पुष्पों की सुगंध
परींदों सी हो ज़िन्दगी मेरी, नदिया सी बहुं मैं स्वच्छंद
उलझे जो पतंग जीवन की,मांझे से जुड़ी हर आशा हो 
स्थिर रहिए जीवन में, संयम से बंधी जीवन की ये परिभाषा हो.... #स्थिर रहिए.....
स्थिर रहिए जीवन में, संयम की ये परिभाषा है
ना चुभन हो कांटो की ना पुष्पों की अभिलाषा है
टूटे जब ये कुसुम जीवन का, दिल ना मेरा आहत हो
चुभ जाए जो शूल कोई तो, होंठो पर बस मुस्कुराहट हो
पत्तों से लूं मै पुष्पों की सुगंध
परींदों सी हो ज़िन्दगी मेरी, नदिया सी बहुं मैं स्वच्छंद
उलझे जो पतंग जीवन की,मांझे से जुड़ी हर आशा हो
स्थिर रहिए.....

स्थिर रहिए जीवन में, संयम की ये परिभाषा है
ना चुभन हो कांटो की ना पुष्पों की अभिलाषा है
टूटे जब ये कुसुम जीवन का, दिल ना मेरा आहत हो
चुभ जाए जो शूल कोई तो, होंठो पर बस मुस्कुराहट हो
पत्तों से लूं मै पुष्पों की सुगंध
परींदों सी हो ज़िन्दगी मेरी, नदिया सी बहुं मैं स्वच्छंद
उलझे जो पतंग जीवन की,मांझे से जुड़ी हर आशा हो 
स्थिर रहिए जीवन में, संयम से बंधी जीवन की ये परिभाषा हो.... #स्थिर रहिए.....
स्थिर रहिए जीवन में, संयम की ये परिभाषा है
ना चुभन हो कांटो की ना पुष्पों की अभिलाषा है
टूटे जब ये कुसुम जीवन का, दिल ना मेरा आहत हो
चुभ जाए जो शूल कोई तो, होंठो पर बस मुस्कुराहट हो
पत्तों से लूं मै पुष्पों की सुगंध
परींदों सी हो ज़िन्दगी मेरी, नदिया सी बहुं मैं स्वच्छंद
उलझे जो पतंग जीवन की,मांझे से जुड़ी हर आशा हो