वख्त खो गया मेरा । याद करते , सोचते , खुदको कोसते वख्त खो गया मेरा । शायद तू थी तो वख्त था । शायद तू थी तो सब थमा सा था । मेरी रात मेरा दिन , मेरी शाम । कई बरसो बित गए चैन से बैठा नही हु, अब लगता है , वख्त खो गया मेरा । वख्त खो गया मेरा। #वख्त #समय #time Suman Zaniyan Ms.(P.✍️Gurjar)