बात कुछ भी हो, मैं आईने से शिकायत करता हूँ मैं पत्थरों की नहीं, इंसानों की इबादत करता हूँ ए तुम्हारा इतना बड़ा महल, कुछ भी नहीं मेरे आगे मैं इक दरिया हूँ, आसमा को छत करता हूँ - स्वप्निल माने #heartshayari