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बात कुछ भी हो, मैं आईने से शिकायत करता हूँ मैं पत

बात कुछ भी हो, मैं आईने से शिकायत करता हूँ 
मैं पत्थरों की नहीं, इंसानों की इबादत करता हूँ

ए तुम्हारा इतना बड़ा महल, कुछ भी नहीं मेरे आगे 
मैं इक दरिया हूँ, आसमा को छत करता हूँ 

- स्वप्निल माने 
 #heartshayari
बात कुछ भी हो, मैं आईने से शिकायत करता हूँ 
मैं पत्थरों की नहीं, इंसानों की इबादत करता हूँ

ए तुम्हारा इतना बड़ा महल, कुछ भी नहीं मेरे आगे 
मैं इक दरिया हूँ, आसमा को छत करता हूँ 

- स्वप्निल माने 
 #heartshayari
swapnilmane3881

Swapnil Mane

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