तेरा इंतज़ार है कईं बरसों से सूनें सूनें है ये गगन और जमी कईं अरसों से. आरजू है मेरी बस इतनी जितना भी करू तुझे याद करू छन छन के तेरी हवा आए जख्मी दिल के परदों से.... तेरा इंतजार है आजा....