इन दौडते लम्हों को क्यूं न रोक लिया जाए अभी तो बहुत कुछ कहना बाकि है अभी तो बहुत कुछ सुनना बाकि है अभी तो देखा भी नही जी भरकर अभी तो आँखो में अक्स भरा भी नही अभी तो हाथों ने हाथों का स्पर्श भी नही पहचाना अभी तो साँसों ने छुआ ही नही साँसों को अभी तो धडकनों के शोर टकराए भी नही अभी तो छुआ भी नही रुह ने रुह को क्यूं न रोक लिया जाए इन दौडते लम्हों को वास्ता देकर तड़पते दिलों का कसम देकर भीगी पलकों की इन दौडते लम्हों को क्यूं न रोक लिया जाए नमस्कार लेखकों।😊 हमारे #rzhindi पोस्ट पर Collab करें और अपने शब्दों से अपने विचार व्यक्त करें । इस पोस्ट को हाईलाईट और शेयर करना न भूलें!😍 हमारे पिन किये गए पोस्ट को ज़रूर पढ़ें🥳