पता है नज़र नहीं पड़ेगी तुम्हारी देखकर भी अनदेखा कर दोगी तुम आदत सी हो गयी है न बहक आने, मिलने और लौट जाने की एक दिन यह भी न रहेगा सूने पड़ जाएंगे तट पर बने वो रेत के घर जिन पर निशान थे हाथों के कुछ थपेड़ों के मेरे कुछ बहाव के तुम्हारे मिलने की चाह रहेगी मुझे कभी जब सूरज ढलेगा और सितारे दमकेंगे उस अनन्त आकाश के तले जहाँ तुम्हें पहली बार देखा था हँसते हुए तुम आओगी विश्वास है मुझे पता है " हवा और लहरें " सागर की लहरों संग हवा के तरंगों की याद भरी एक अश्रुपूरित वार्ता.. 💕💕 #तुम्हारामिलना #मीठीयादें #विश्वास #प्रेम #अश्रुधारा #जीवनरंग #अनन्त #कवि