जिस्म से रूह निकलते ही सारी मोहब्बत खत्म हो जाती है। कहते हैं लेट हो रहा है जल्दी जल्दी तैय्यारी करो और आखिरी मुकाम तक पहुँचाओ (कब्र) सगा भाई भी हो तो गुशल देने के बाद यानी नहलाने के बाद साबुन से हाँथ धोता है। जब तक जिंदगी है लोग कहते हैं रूह से कौन मोहब्बत करता है सब तो जिस्म पे मरते हैं। कैसी ये मोहब्बत है हमारे तो समझ में ही नहीं आती है जब मुछको वो इस जहां से खोयेंगें। अपनो के साथ दूर से वो भी रोयेंगें।। ये मोहब्बत तो दुनिया में ही नहीं है अपने भी तन को छूकर हाँथ धोयेंगें।। @KhanSalman