रात के अँधेरे में सितारों की दुनियाँ में, चाँद से कहना एक बात बाकी है.. खूबसूरत जमीं में खूबसूरत फूलों पर, गुनगुनाते भौरों से मुलाक़ात बाकी है.. ख्वाबों के जहां में ख्यालों की परी का, ज़िन्दगी के सफर में साथ बाकी है.. आएगी लेने तो कह देंगे मौत से, कि.. थामना अभी 'प्रियांशी' का हाथ बाकी है! गोविन्द पन्द्राम #प्रियांशी