कुछ करने की ख्वाहिश तो बहुत थी पर किस्मत का खेल है सारा . तेरा गुनहगार तो ना हुआ मगर ऐ "रुप" बस फिरता हुँ मैँ तेरी गलियोँ मेँ आवारा । कुछ करने ख्वाहिश तो बहुत थी . पर किस्मत का खेल है सारा . तेरा गुनहगार तो ना हुआ अये "रुप" . बस फिरता हुँ