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अंश बनी में भ्रूण बनी तब से ही, सबके दिल में नासूर

अंश बनी में भ्रूण बनी तब से ही,
सबके दिल में नासूर बनी में | 

बेटी हैं कह कर जब मुझे गिराया,
एक बेटी से तुमने यह पाप कराया | 

बेटा हुआ तो जश्न होगा,
बेटी के लिए सब खत्म होगा। 

अपनी बेटी को सब मानते हैं अभिमान,
फिर क्यों करते हो किसी और की बेटी का अपमान |

पराई है.. पराई है.. यह कहकर उसे हो तुम जलाते,
अपनी सोची होती तो आज नहीं तुम पछताते |

करते हो बेटी को लज्जित,
फिर खुद को हो बड़ा बतलाते।

करते हो ढोंग
Mother Day , Women Day , और Daughter Day का

तीनो ही रूप मे नहीं हो नारी को अपनाते,
फ़िर क्यो इन दिवस को हो तुम मनाते | !!!!!!!

©अंकिता चौहान #बालिका दिवस
अंश बनी में भ्रूण बनी तब से ही,
सबके दिल में नासूर बनी में | 

बेटी हैं कह कर जब मुझे गिराया,
एक बेटी से तुमने यह पाप कराया | 

बेटा हुआ तो जश्न होगा,
बेटी के लिए सब खत्म होगा। 

अपनी बेटी को सब मानते हैं अभिमान,
फिर क्यों करते हो किसी और की बेटी का अपमान |

पराई है.. पराई है.. यह कहकर उसे हो तुम जलाते,
अपनी सोची होती तो आज नहीं तुम पछताते |

करते हो बेटी को लज्जित,
फिर खुद को हो बड़ा बतलाते।

करते हो ढोंग
Mother Day , Women Day , और Daughter Day का

तीनो ही रूप मे नहीं हो नारी को अपनाते,
फ़िर क्यो इन दिवस को हो तुम मनाते | !!!!!!!

©अंकिता चौहान #बालिका दिवस