अपनो के किए फैसले पर कुछ ऐसे सिर झुकाया है..! जैसा था ही नहीं, मैंने वैसा सच सबको बताया है..!! छुपा कर कड़वा सच अब हंस कर, मीठा झूठ कहने लग गई हूं मैं..!! हां, ऐ जिंदगी अब बदल गई हूं मैं...!!😊 जबसे ये सिंदूर बिंदिया मैंने अपने माथे पर सजाया है..! तब से गर रोती हैं आंखे फिर भी लबों से मुस्कुराया है..!! छुपा कर अपने दर्द को अपने आंखों में, बेशक थोड़ा निखर गई हूं मैं...!! हां, ऐ जिंदगी अब बदल गई हूं मैं...!!😊 मेरे मन की गांठ को न अब तक किसी ने सुलझाया है..! जहां आईं हूं वो अपना है या जो छोड़ा वो घर पराया है.!! दो रिश्तों की छोर सुलझाते सुलझाते, खुद उझल कर रह गई हूं मैं..!! हां, ऐ जिंदगी अब बदल गई हूं मैं...!!😊 #वज़ह ©Neha Singh अपनो के किए फैसले पर कुछ ऐसे सिर झुकाया है..! जैसा था ही नहीं, मैंने वैसा सच सबको बताया है..!! छुपा कर कड़वा सच अब हंस कर, मीठा झूठ कहने लग गई हूं मैं..!! हां, ऐ जिंदगी अब बदल गई हूं मैं...!!😊 जबसे ये सिंदूर बिंदिया मैंने अपने माथे पर सजाया है..! तब से गर रोती हैं आंखे फिर भी लबों से मुस्कुराया है..!!