कट रहे हैं शीश सरहदों पर कितनी माएँ लाल खो रही बहनों का भाई ना रहा कितनी सूनी मांगे रो रही भारत मां की मर्यादा को यह आंतकवादी लूट रहे हैं मां की निर्मल आंखों से खून के आंसू फूट रहे हैं चिराग क्रांति के जलाने होंगे हर घर में सिपाही बनाने होंगे शांति के लिए क्रांति कर लो माथे से लगा लो माटी को तिरंगा ऊंचा रहे हमारा कुछ और बढ़ा दो लाठी को।। #poemsbynancy #poemholic #nojoto #writer #patriotic #iloveindia