जाने जिगर मेरी खामोशी कहती बहुत कुछ है , बस नज़र चाहिए पहचानने के लिए ! मुझ निर्दोष को हमेशा कम आकते हो आप , अपने हुस्न से फुर्सत मिले तो देखना मेरी गहराइयों को ! एक समुंदर भरा पड़ा है हौसलों से .... और आप मुझे हुस्न का प्याशा कहते हो । try to write emotional 😂😉🤗 ©Shivam Chandra #innocent