ये मन तो बावरा है गली गली बुलायेगा बुलाकर सकरी गलियों में खुद ही उलझायेगा उड़ता फिरता है यह तो कभी इस डगर कभी उस डगर खुद ही भटकाएगा ना उलझ चालाकियों में इसकी दर दर घुमायेगा झांक ले खुद में खुद ही मिल जाएगा समझा ले खुद को,खुद समझ जाएगा #nojoto #kavishala #kavi #bavaraman #poem #jaipurite