लिखी कुछ यादें हैं!पहले मिलन की बातें हैं! मिले हम इस क़दर! इलाज़ के बहाने.. वहीँ से सुरु होतीं हमारी मुलाकातें हैं.. कुछ वक्त गुजरा! तुम्हारी पसन्द मेरी पसंद हैं! यह कहते कहते! तुमनें कुछ निशानियां बात दी अपनी,, तुमनें बताया इस क़दर,,पता चली तुम्हरी क़दर,, तुम्हारी ख़ासियत!बहुत पसंदीदा हैं,,मेरी तुम्हें अच्छा लगता है राजपूती "कपड़ें" पहनना,, तुमनें ऐसा कहां था,, जब से तब से याद हैं मुझे,, वो मुझे याद हैं हम दोनों हुए पराए उस वक़्त की,, जो तुम्हारी आख़री मुलाकात हैं!... !... दितिकराज ©Ditikraj"दुष्यंत"...! लिखी कुछ यादें हैं!पहले मिलन की बातें हैं! मिले हम इस क़दर! इलाज़ के बहाने.. वहीँ से सुरु होतीं हमारी मुलाकातें हैं.. कुछ वक्त गुजरा! तुम्हारी पसन्द मेरी पसंद हैं! यह कहते कहते! तुमनें कुछ निशानियां बात दी अपनी,, तुमनें बताया इस क़दर,,पता चली तुम्हरी क़दर,, तुम्हारी ख़ासियत!बहुत पसंदीदा हैं,,मेरी तुम्हें अच्छा लगता है राजपूती "कपड़ें" पहनना,,