इश्क़ बारे करूं बयानात क्या मैं कुछ कहूं मेरी औकात क्या इस दरिया में सब बह जाए एहसास क्या, जज़्बात क्या आगे पीछे भी नज़र न आए वक्त क्या और हालात क्या जब बात महबूब की आए फिर पुण्य क्या ,पाप क्या भगवान भी नाचे प्रेम धुन पर हमारी तुम्हारी फिर बात क्या इश्क़ बारे करूं बयानात क्या मैं कुछ कहूं मेरी औकात क्या इस दरिया में सब बह जाए एहसास क्या, जज़्बात क्या आगे पीछे भी नज़र न आए वक्त क्या और हालात क्या