नवरात्रि के आठवें दिवस दुर्गा अष्टमी महागौरी स्वरूप का विधिपूर्वक पूजा-पाठ करने का विधान है। माँ महागौरी की उपासना से शक्ति मिलती है पाप संताप मिट जाते अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। महागौरी रुप में देवी करुणामई, स्नेहमयी, शांत और मृदुल स्वभाव की मनोवांछित फल देने वाली है। तपस्या समय सिंह आकर बैठा उठने के इंतजार में तप के बाद, जब देवी उठी सिंह को वाहन बनाया। माँ की आयु आठ वर्ष मानते श्वेतवर्ण की उपमा शंख,चंद्र और कुंद के फूल से करते, श्वेताम्बरधारी हैं। बेहद शांत मुद्रा धारण करने वाली स्नेहमयी कृपा बरसाने वाली चतुर्भुज धारी हैं वृषारूढ़ा भयहारिणी। माँ महागौरी भक्तों के क्लेश मिटाती इन की कृपा से ही भक्तों को अलौकिक सिद्धियाँ प्राप्त होती हैं । सर्वत्र व्यापी माँ दुर्गा की महिमा, अनंत मनुष्यों की वृत्तियों को सत्करके असत् का विनाश करती हैं। 🌹नमस्ते लेखकों🙏🏼 🌺कोलैब करने से पहले 📌पिन पोस्ट अवश्य पढ़ लें। 🌺 आप सभी दिए गए विषय पर 6 - 8 पंक्तियों में अपनी रचना पूरी करें। 🌺पोस्ट को हाईलाइट करना ना भूलें।