बढ़ा उम्र दौर ,रह गया एकला.. रोये सिमट कर वट वृक्ष.. समेट सूटकेस में यादें सौ गज फ्लैट में समा गया। #उम्रदौर #सूटकेस #फ्लैट मुशिकल बहुत है , अकेले जीना, जीवनसाथी का यूं यकायक साथ छूट जाना मिलकर जो सजाया था घरौंदा ,वो छूट गया रह गया अकेला पंछी,साथी मेरा उड़ गया... बहुत दिनों से देख रही थी ,सामने वाले फ्लैट में ,अंकल बस गुमसुम आंटी की यादें समेटे हुए..... बेटे के साथ रहने पर मजबूर.. सच में उम्र के इस पड़ाव में एक दूजे का साथ क्या मायने रखता है , देख रही हूं इन बूढ़ी आंखों में.... #योरकोटऔरमैं