मकान ना सही कान तो है, एहतियातन संभला जाता है, संभाला नहीं जाता। अच्छा हुआ वो शराब का हुआ, मगर तेरा होना गंवारा ना हुआ।। #प्रदीपकुमार #हमें_मुस्कुराना_अच्छा_लगता__है #दर्द_और_खामोंशियाँ #इक_मुलाकात #YourQuoteAndMine Collaborating with Kumar Pradeep G