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White न कोई मंज़िल, न कोई रास्ता, खुद की तलाश में

White न कोई मंज़िल, न कोई रास्ता, खुद की तलाश में कहीं खो गया था। यादों की चुभन, आज भी दिल को भिगो देती है, वो चुपचाप बातें, जैसे दिल से गुजर जाती हैं, न कोई शिकायत, न कोई गिला, खुद की दुनिया में अकेला रह गया।
अधूरे सपने, जो आँखों में रह गए, आज भी रातों में आह बनकर आते हैं, अपनी ख्वाबों की दुनिया में उलझा रह गया।

©Maipak Sana(Rajib Kumar)
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