"मौलिक कर्त्तव्य" धधक रही इस आग का कोई राग तो तू चुन ले, यूँ जल मत, जला मत, हर शख्स को उकसा मत, भड़क रही इस ताप की कोई राह तो तू चुन ले, विरोध है, तो तू जता, उपद्रव मगर मचा मत| ये देश है तेरा, इसकी संपदा तेरी, जिसे तू झुलसा रहा, वो है धरा तेरी, उत्पात देख सहम रहा हमवतन तेरा, क्या तू है ये चाहता? क्या है ये रजा तेरी? तू सोच तो जरा, किस बवाल में पड़ा, जिस राह को तू चला, वहां कौन है खड़ा! फरेब में पड़ तू,अपने देश से ही फिर लड़ा, तू जिसकी सुन रहा, क्या उसने है विधेयक पढ़ा!, क्रोध को अपने निगल, अमन की डगर तू चुन ले, सवाल हैं तेरे जो कर, पहले मगर उनको तू गुन ले, विचार कर विमर्श कर, व्यवस्था ये चुन ले, मौलिक कर्तव्यों को निभा, मेरी बस इतनी सुन ले| #देशप्रेम #caaprotests #cabbill #cabisimportant #मौलिककर्त्तव्य #vineetvicky #encore_ek_khwab