तुम से जुदा होने से, डरता है यह "दिल" पल-पल यही सोचकर तड़पता है "दिल" कुछ इस तरह शामिल हैं, रूह में मेरी तू जिस्म से जान जुदा होने से डरता है दिल तुम दूर हुए "हलक" से जान निकल जाए बेबस हूँ मैं, दूर रहकर तड़प ना सही जाए छुटा जो तेरा हाथ, क़िस्मत ये फ़िसल गयी इस मुकद्दर से तमाम खुशियाँ लौट गयी ♥️ Challenge-550 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।