जब भी उसके सामने से निकला , मुस्कुरा के निकला ........ अपने गमों की शिकन मिटा के निकला .. उसकी मुस्कुराहटें नायाब हैँ , कहीं खो न दूँ , अपने गमों को घर के कोने कोने में छिपा के निकला ..... Nayab