एहसास होते होते कहीं सहर से शाम और शाम से सहर ना हो जाए, दश्त में दरखत काटते काटते कहीं गांव और गांव से शहर ना हो जाए। ✍️फरहाना #citylife#dast#darkhat#gaon#shahar#environment#NojotoHindi