#ऐ माँ तुम बताओ कैसी हो ऐ माँ तुम बताओ कैसी हो, क्या अब भी तुम घर को लेकर चिन्तित रहती हो, क्या अब भी मुझे ही याद करती रहती हो, क्या अब भी दूसरों के खयाल में, भोजन सुकून से करना भूल जाती हो, क्या अब भी सुबह शाम पानी वक़्त से आता है, जीसे तुम भरकर सबको स्नान कराती हो, वो घर की कच्ची छत अब भी वैसी है, जहां कुछ पल सुकून से गुज़ारा करती हो। और बताओ माँ तुम कैसी हो, क्या अब भी फूलों को देखकर मुसकुराती हो, क्या अब भी शाम की चाय में उतना ही स्वाद है, क्या अब भी रात का भोजन सब को कराकर करती हो, क्या घर की चार दिवारी अब भी वैसी हैं, जहां पड़ोसी कान लगाया करते है, वो घर की कच्ची सड़क क्या अब भी ऐसी है, जहां अक्सर पानी भरजाया करते हैं। मैं अपने बारे में क्या ही कहूँ, ज़िन्दगी का हाल तुम्हारे बिना क्या बताऊं, ये खत लिखकर दिल को सुकून दे रहा हूं, मुझे पता है दूर होके और दूर हो रहा हूं, अब भी वही हाल हैं जैसे हुआ करते थे, वही चांद और सूरज हैं जिनसे दुआ करते थे, मैं जल्द ही लौटूंगा वर्षों का प्यार लेकर, साथ लाऊंगा खुशियां दुशमन को मात देकर, कुछ वर्षों से तुम्हारे बिना अधूरा हूं, मुझे पता है मां मै तुम्हारा ही तो बेटा हूं। ~Tushar Agarwal #tushar_agarwal #maa #Mother #poetry #Hindi #hindipoetry #hindiwriters #hindiquotes #kavita #hindikavita