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बेरुखी को अख्तियार रखोगे ज़ुबाने बयान में, हुज़ूर यक

बेरुखी को अख्तियार रखोगे ज़ुबाने बयान में,
हुज़ूर यकी मानो बदनाम हो जाओगे,
महफ़िलो से तन्हाई मे चले जाओगे,
हुज़ूर यकी मानो गुमनाम हो जाओगे 
( पवन वैभव दुबे ) वैभव की कलम से
बेरुखी को अख्तियार रखोगे ज़ुबाने बयान में,
हुज़ूर यकी मानो बदनाम हो जाओगे,
महफ़िलो से तन्हाई मे चले जाओगे,
हुज़ूर यकी मानो गुमनाम हो जाओगे 
( पवन वैभव दुबे ) वैभव की कलम से