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ख़त्म हो चुकी है इंसानियत।  हर जगह हैवान ही नज़र

ख़त्म हो चुकी है इंसानियत। 


हर जगह हैवान ही नज़र आ रहे हैं। 

क्या कसूर है उन लोगों का।

 क्या कसूर है उन मासूमों का। 

जो उन्हें इतनी बेरहमी से मारा जा रहा है।

 क्या वो इंसान नहीं।

 क्या वो बांग्लादेश के वासी नहीं। 

या कहूं तो हिन्दू हैं, यही उनकी गलती है। 

पहली और आखिरी गलती। 

लूटी जा रही इज्जत। 

घर चूर-चूर हो रहे हैं। 

कौन बचाएगा उन्हें। 

कौन बनेगा उनका मसीहा।

 कौन बांग्लादेशी हिन्दुओं को बचाएगा।

 क्या कोई ईश्वर का फरिश्ता आएगा। 

ईश्वर से करो पुकार। 

भेज दे वो कोई रक्षक। 

जो करे मासूमों की रक्षा। 

बुझ जाए ये आग।

©Author Shivam kumar Mishra
  #Bangladesh #burning