जब जिस्म से राख झड़ने को थी वो अघोरी दर-दर भटका संग मेरे ~ चंदन जब जिस्म से राख झड़ने को थी वो अघोरी दर-दर भटका संग मेरे ~ चंदन यादव #poetry #shayri #aghori #couplet #chandanpoet