बादल का #रुख मोड़ देता हु ! बारिश की #बूंदो को गिन लेता हु ! जब भी कोई #इन्सान के सामने जाता हु! मैंने #इन्सानियत से ही मुँह मोड़ लेता हु ! - शिवा! #इन्सानियत #इंसान