लूट लिया है बेशक वबा ने सबको पर हिम्मत दी एक खुदा ने सबको मदद को औरों की बेच दिए गहने जिसने जीत लिया उसकी एक अदा ने सबको घर छोड़ अपना डटा रहा खिदमत में बचा लिया उसकी देख रज़ा ने सबको खड़े हो गए कितने,देने रोटी गरीब को झिंझोड़ दिया है देख खिजां ने सबको कुछ ऐसे भी थे,जो चुरा ले गए सांसों को दिखा दिया चेहरा हर एक,फ़ज़ा ने सबको डॉ विनोद कुमार शकुचन्द्र ©Anjali #vfa #Thoughts