Natural Morning चलो जाओ भी अब जी लेगे पर सच कहो मजबूरी है क्या... मुझे यह कहानी थेड़ी और लिखनी थी तुम्हारे हिसाब से पूरी है क्या... दिल से तो तुम्हारे पास हूँ ये जिस्मो की दूरी ज़रूरी है क्या... मिटने को तो लम्हा भी न लगे तुम्हारे संग जीने की ख़्वाहिश बूरी है क्या... अभी कल ही तो मिले थे तुम्हारा जाना जरूरी है क्या... यह कहानी खूबसूरत बनती यह रस्मो की जी-हुज़ूरी जरूरी है क्या... एक अरसा हुआ खामोश हुँ मै तुम्हारा नाराज़ होना जरूरी है क्या... फ़कत एक सवाल मै खुदसे पूछता हूँ मेरा जीना जरूरी है क्या... क्या सच में ज़रूरी है? #मेरी_कहानी #Inspired #Hindi_Panktiyan #MY_WORDS