रूखे ज़ेबा पर तेरी, मुस्कान सजा दूँ क्या? गर अंधेरा है वहाँ तो, उसको मिटा दूँ क्या? तेरी एक इशारे की जरूरत है, फ़क़त मुझे। ख़्वाब दिल में तेरे एक,मैं नया सजा दूँ क्या? है ख़्वाहिश मुझको भी, तेरे साथ चलने की। तुम जो कह दो तो,अपना हाथ बढ़ा दूँ क्या? बहुत ढाये हैं सितम, लोगों ने हम दोनों पर। तेरे इस शहर को मैं, अब आग लगा दूँ क्या? एक मुद्दत हुई मुझे, उनको देखे हुए "सानी"। हो इज़ाज़त तो ररुख़ से, पर्दा हटा दूँ क्या? (Saani) रूखे ज़ेबा पर एक मुस्कान सजा दूँ क्या? #Love #Music #Nojotonews #nojoto #Nojotohindi #Shayari #Gazal #Stories #Quotes #Poem #Comedy #Aarzoo #Arsh #Musher #Nishakhan