यूं बेरहमी से तोड़ रही हो दिल, इस दिल में क्या जज्बात नहीं है? तुमने गिनाया था जो, हर तारा याद है मुझको। घने आसमान वाली, क्या वो रात नहीं है? यूं बेरहमी से तोङ रही हो दिल, इस दिल में क्या जज्बात नहीं है? इक दीदार के लिए कभी, दिनों चलती थी तैयारियां। रूह के सुकून वाली क्या वो मुलाकात नहीं है? यूं बेरहमी से तोङ रही हो दिल, इस दिल में क्या जज्बात नहीं है? सिमट गई थी मुझमें, सुन गर्जन जब बादल की। झूमते सावन वाली क्या वो बरसात नहीं है? यूं बेरहमी से तोङ रही हो दिल, इस दिल में क्या जज्बात नहीं है? #mystory #mylove #mystyle