ऐ काश ! ज़िन्दगी तूने हम पे रहमत की होती तो हम भी इतने बेरहम ना होते ऐ काश ! मोहब्बत तूने हम से वफ़ा की होती तो हम भी इतने बेवफा ना होते ना ख्वाहिसे यूँ अधूरी रहती हमारी ना सपने यूँ हमारे टुटा करते प्यार से अगर कोई पुकार लेता हमे भी