“इन आँख के पानी को उतरना भी कभी था सिंदूर तेरी माँग में भरना भी कभी था poetarjun4909 तू सूत्र में बँध कर के किसी और की हुई इस बात से आहत मुझे मरना भी कभी था” ©Kavi अर्जुन*चाणक्य* #Randeep