मैं सुख तलाशनें आया परदेश किसलिए इसी सवाल में उलझा हुआ हूं यारों! चार पैसे कमाने शहर आनें को हुआ, मां का तभी मुझसे मुंह छिपाकर के रोना! ध्यान रखना तू बेटा अपना दुआ देकर, फिर सर पटक पटक कर के रोना! क्यूं कदम रुके नहीं ममतामई मां के लिए, इसी सवाल में आज भी उलझा हुआ हूं यारों! कभी-कभी सवाल, सवाल नहीं होता बल्कि ज़िन्दगी बन जाता है। #किसलिए #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #माँ_का_प्यार #माँ_की_याद