रंग....... ये जीवन कई रंगों का रूप है कही दुखों का अभिरूप है तो कही खुशियाँ रंगों के संग है इन रंगों का भी अपना एक रंग है इंसान गिरगिट का एक स्वरूप है यही आज मानव का अंग रूप है वो भी बदलता अंग -अंग है इन रंगों का भी अपना एक रंग है नोटों का जब देखा गया बदलता रंग स्वरूप कई लोगों को ये रंग लगता बड़ा कुरूप कई लोगों की शांति हो गयी थी भंग है इन रंगों का भी अपना एक रंग है रंग बदल जाता है उनका भी जो है तुम्हारे अनुरूप उन माता पिता पे भी क्या बीतती होगी देख भयानक रूप औलाद के रंग बदलने पर दिख जाते उनके रंग है इन रंगों का भी अपना एक रंग है – Vikas Gupta #Color