•| आज का दिन |• हम सब खुशनसीब है कि हम आज का यह दिन देख पा रहे हैं। हमें इसके लिए खुदा का शुक्रिया अदा करना चाहिए। पर मेरे लिए आज का दिन बिल्कुल अच्छा नहीं था। दिन की शुरुआत तो हर आम दिन की तरह हुई थी। सुबह ऑफिस के लिए लेट होना, वहां जाकर दिन भर काम में व्यस्त रहना। पर आज कुछ और भी हुआ। शाम तक मुझे एक ऐसी बात पता चली जिसने मुझे कुछ पल के लिए तोड़ कर रख दिया था। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूं। मुझे बस रोना आ रहा था। मेरे ऑफिस में सबने मुझे समझाया कि सब ठीक होगा। मुझे परेशान नहीं होना चाहिए। कुछ देर बाद सब ठीक तो नहीं पर हां थोड़ा सामान्य हो गया जिससे मैं भी शांत हो पाई और अब यह निबंध लिख रहीं हूं। वरना शायद आज मुझे ये प्रतियोगिता छोड़नी पड़ती। आशा करती हूं अब सब ठीक रहे और किसी पर कोई परेशानी ना आए।। •| संक्षिप्त निबंध |• विषय - "आज का दिन" हम सब खुशनसीब है कि हम आज का यह दिन देख पा रहे हैं। हमें इसके लिए खुदा का शुक्रिया अदा करना चाहिए। पर मेरे लिए आज का दिन बिल्कुल अच्छा नहीं था। दिन की शुरुआत तो हर आम दिन की तरह हुई थी। सुबह ऑफिस के लिए लेट होना, वहां जाकर दिन भर काम में व्यस्त रहना। पर आज कुछ और भी हुआ। शाम तक मुझे एक ऐसी बात पता चली जिसने मुझे कुछ पल के लिए तोड़ कर रख दिया था। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूं। मुझे बस रोना आ रहा था। मेरे ऑफिस में सबने मुझे समझाया कि सब ठीक होगा