Raavan हां मैं रावण हूं ,पर रावण सा ज्ञानी नही मैं रावण हूं, रावण भी मुझ सा अभिमानी नहीं जाओ फूंको तुम पुतले को फिर सब मिल कर जश्न मनाओ खुद को सच्चा कहने वाला गीत नया नया गाओ भीतर में यदि रत्ती भर है राम तुम्हारे, तो तुम हमको बतलाओ संदेह तुम्हारे मन के भीतर , तुम मत इतना अकुलाओ हां हां कर रहते हैं सब , तुम भी जाके रश्म निभाओ मांग करो बस बदलाओं की, खुद को नहीं बदलना तुम मैं रावण हूं गर्व मुझे है, जाओ आग लगाओ तुम तुम तो राम बने फिरते हो जश्न खूब मनाओ हो पं. अश्वनी कुमार मिश्रा