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ए मेरे देश के कानून जब! हैवानों ने बुझा दिए हों द

ए मेरे देश के कानून जब!

हैवानों ने बुझा दिए हों दिये जिसकी छोरी के,
चीटियां लग गई हो मान -सम्मान की बोरी के,
चिथड़े हो गए हो मां की उस लोरी के,
टूट गए हो घुटने जिस मां-बाप के,
वो मां बाप क्या चक्कर लगाएंगे,
तेरे कोर्ट -कचहरी के...!

-@mk rape
ए मेरे देश के कानून जब!

हैवानों ने बुझा दिए हों दिये जिसकी छोरी के,
चीटियां लग गई हो मान -सम्मान की बोरी के,
चिथड़े हो गए हो मां की उस लोरी के,
टूट गए हो घुटने जिस मां-बाप के,
वो मां बाप क्या चक्कर लगाएंगे,
तेरे कोर्ट -कचहरी के...!

-@mk rape