मिलते जुलते रहा करो दोस्तों जब तलक मोहलत दे ये जिंदगी। किसे खबर कि कब कौन पाजिटिव हो जाए। महफिलों में शिरकत करो प्रीत के गीत गाओ नहीं मालूम कब कौन क्वारेंटाईन हो जाए। मिल बैठ बातें किया करो बड़े बूढ़ों के साथ क्या भरोसा कब वेंटीलेटर पे साँस उखड़ जाए। मस्ती को पेंडिंग मत रखो हर्गिज तुम वक्त किसी को दोबारा मौका नहीं देता वक्त रहते जी लो मरने से पहले न जाने कब किसकी टैं बोल जाए। जिंदगी से निकाल फैंको नफरतें विचार बुरे सब छोड़ जाना यहीं दिन जब हो जायेंगे पूरे। मत फूलो अहंकार में न जाने कब हवा निकल जाए। मिलते जुलते रहा करो दोस्तों जब तलक मोहलत दे ये जिंदगी। किसे खबर कि कब कौन पाजिटिव हो जाए। बी डी शर्मा चण्डीगढ़ कांटेक्ट