आज भी वही मेरा पहला प्यार है यह बात जरूर है छोटी क्लास की मगर बात नहीं है छोटे ख्वाब की बात है यह पहले दिन की जब टेबल से में टकराया था लेकिन उसकी आंखो के नूर को देख, में चिल्ला भी ना पाया था । हां छोटी सी क्लास में ही वह बहुत नखरे करती थी, लेकिन यही बात तो मुझे उसकी सबसे अच्छी लगती थी। और अब तो मेरे दोस्तों को भी वही उनकी भाभी लगती थी तभी तो लंच टाइम में मेरे लिए पूरी क्लास खाली रहती थी। हां वैसे तो कई बार आंखों से अपने दिल की बात कर देता था, मगर पता नहीं क्यों उन्हें लफ्जों में बयां क्यों नहीं कर देता था। जी हां आज भी मैं उसे ही याद करता रहता हूं, तभी तो अरिजीत के गाने सुनता रहता हूं। मंजिल तो नहीं मगर सफर की यादें जरूर साथ है, तभी तो 'आज भी वही मेरा पहला प्यार है' #अक्षत पारस जैन# school love