यह पढ़कर आपको हैरानी भले ही हो लेकिन सच यह है कि धरातल पर वह निरंतर घट रहे हैं जबकि कागजों व वन क्षेत्र साल दर साल बढ़ रहा है अलार्म जी है कि देश के नक्शे से 34% बन गया भूख हो चुके हैं लेकिन इससे किसी को सुरभि ही नहीं है 34% के इस राष्ट्रीय आंकड़े में उत्तर प्रदेश हिंदी झारखंड छत्तीसगढ़ उत्तराखंड हिमाचल प्रदेश पंजाब और हरियाणा सहित सभी राज्य केंद्र शासित प्रदेशों का हिस्सा शामिल है इंडिया स्टेट फॉरेस्ट रिपोर्ट 2021 को आधार बनाकर तैयार की गई सेंटर ऑफ साइंस एंड रखती है क्षेत्र आईएसएफआर 2021 में 5% करोड़ है किक्रेटर यानी कुल 1 क्षेत्र के आसपास जमीन पर ही वन आवरण बताया गया है शेष 2 पॉइंट 5 यानी 34% क्षेत्र की स्क्रब अथवा झाड़ियों में भी वर्गीकृत नहीं किया गया हैरत की बात यह है कि 2019 और 21 के बीच देश के वन क्षेत्र में केवल 0% यानी 1 लीटर की वृद्धि हुई है जबकि घोषित क्षेत्र की जमीन पर आया हुआ है रिकॉर्डिंग वन क्षेत्र कानून रूप से विभिन्न श्रेणियों में बांटा रक्षिता रक्षिता वर्तमान पिछले तीन दशकों से यह रिपोर्ट बन मोटे तौर पर यात्राएं लेकिन आवरण स्वास्थ्य क्षेत्र जहां 1 मौजूद है उसमें अभी संगठन जंगल माध्यम घने जंगल और खुले जंगल हो सकते हैं इसके अलावा स्क्रब या इंडियन यह है कि वन भूमि है जिसमें 10% से कम है और वह किसी भी वर्ग में शामिल नहीं है आप ©Ek villain #धरातल पर घट रहा है वन क्षेत्र #KashmiriFiles