देश आजाद दुनिया आजाद क्यों लड़कियाँ आजाद नही। छीनी जा रही महिलाओं की आजादी इस आज़ाद भारत मे। क्यों इस अत्याचार पर कोई भी आम इंसान हताश नही। नही मिल रही उनको आज भी अपनी मर्ज़ी से जीने की आजादी महिलाओं की इस व्यथा पर क्यों कोई भी है परेशान नही। आने जाने पहनने ओढ़ने मे भी टोक लगाते हैं ये दुनिया वाले। पुरषों की गन्दी मानसिकता पर करता क्यों कोई चोट नही। आज़ाद भारत मे भी क़ैद किसी पंछी सी है हो गई हैं महिलाएं। क्यों लोगों का उनके दुखों का होता कुछ भी अहसास नही। समझी जाती हैं औरतें सदा बस मर्दों के पैरों की जूतियाँ। क्यों बनती किसी के सर का कभी वो सुन्दर ताज नही। समझा जाता है उन्हें सिर्फ एक कमजोर हिस्सा देश का। क्यों दिया जाता उनके हाँथों में सत्ता की कभी बागडोर नही। Smita❤️ishu indira