"क्यों ज़ख्म देते हो मेरी सुनने को आह, अरे मुझे दर्द कहने की आदत नहीं है,, और कभी न कभी तो मिलेगी वो मंज़िल, मेरी इतनी भी कच्ची इबादत नहीं है,, मेरी कलम से...🖋️ ©ठाकुर आकाश सिंह सोमवंशी मेरी कलम से...🖋️ #viral #alone #Be #क़ैद #मेरा