ये हसीनाएं है जो वक्त बेवक्त मिल जाती हैं सच कहूं ये बहुत खल जाती है इनकी फितरत में धोखेबाजी होती है ये टाइम पास कर के निकल जाती हैं ये हसीनाएं जो वक्त बेवक्त मिल जाती हैं सच कहूं ये बहुत खल जाती हैं इन्हें एक पल भी नहीं लगता बदलने में ये हर रात नया आशियाना बनाती हैं "शिव तिवारी" ये हसीनाएं........