अख़बार सुबह सुबह जैसे मैं लाश उठाता हूं। जब कोई इन दिनों का मैं अखबार उठाता हूं।। भरे पड़े हैं पन्ने , सरकार की नीतिगत कालिखों से... जब लोगों की, आपसी मदद का.. मैं लेख पाता हूं। सहम जाता है दिल , मुर्दा पड़ी क़लम की तस्वीरों से... जब सिसकियां भरती रोजी-रोटी की, कोई ख़बर नहीं पाता हूं । सच कहूं तो रोज अखबार पलट कर, जिंदा लाशों के मैं राख उठाता हूं । ©Sud #Newspaper #aakhbar #kalam #laash #Nojoto #nojotohindi #nojotoenglish #nojotourdu #nojotophoto #IndianNewspaperDay